प्रेस वि ज्ञप्ति (18th September 2023)

सत्य धर्म संवाद के लिए हिदं ूधर्म के विविध सम्प्रदाय के साध-ुमहन्त हरिद्वार मेंएकत्रित हुए
हि दं ूधर्म की वर्तमर्त ान स्थि ति और दशा-दि शा के बारेमेंचि तं ाओंको सबं ोधि त करनेके लि ए, 16-17 सि तंबर, 2023 को हरि द्वार, भारत मेंपरूेभारत से25 सेअधि क धार्मि कर्मि नेताओंकी एक अभतू पर्वू र्वसभा बलु ाई गई। यह बठै क हि दं ूधर्म मेंसहि ष्णतु ा की बढ़ती चनु ौतीपर्णू र्णप्रकृति और इसके अस्ति त्व के सकं ट के इर्द-गि र्द घमू ती रही। इस धर्म ससं द और सत्य धर्म सवं ाद प्रकल्प के मलू मेंधर्म की कुत्सि त व्याख्या और हरि द्वार में2021 मेंहुए तथाकथि त नफ़रती, वि द्वेषी और हि सं ा-प्रसारक धर्म ससं द मेंकही गयी बातेंहैं। धर्म के नाम पर असरुक्षा के भय सेअक्रांति त कर हि दं -ूमसु लमान-ईसाई-बौद्ध-जनै आदि मेंदंगा करानेकी क़वायद नि रंतर जारी है। इस नफ़रत के माहौल में स्वामी राघवेंद्र के मन मेंनि रंतर एक प्रश्न चल रहा था कि वर्तमर्त ान माहौल मेंकुछ सार्थकर्थ पहल करना चाहि ए। और कई साध-ुसतं ों सेवि मर्श कर हरि द्वार धर्म-र्मससं द 2023 का आयोजन मातृसदन और सत्य धर्म सवं ाद के सयं क्ुत तत्वावधान मेंआयोजि त कि या गया। सत्य धर्म सवं ाद का यह पहला कार्यक्रर्य म है, भवि ष्य के महीनों मेंहम भारत के वि भि न्न क्षेत्रों मेंवहाँके धर्मगर्म रुुओंसेसवं ाद कर धर्म की ग़लत व्याख्या करनेवालेलोगों के नफ़रती एजेंडेका पर्दा फ़ाश करेंगे।
उपस्थि त प्रमखु आध्यात्मि क नेता स्वामी राघवेंद्र नेकहा, "इस उथल-पथु ल भरेसमय में, अपनी जड़ों को फि र से देखना और हि दं ूधर्म के मलू सि द्धांतों - प्रेम, करुणा और सद्भाव को अपनाना महत्वपर्णू र्णहै। हम गलत व्याख्याओंको अपनेऊपर हावी नहीं होनेदेसकत।े"

सत्य धर्म सवं ाद इस सकं टपर्णू र्णसमय मेंएक प्रकाशस्तंभ के रूप मेंकार्य करेगा जि सका लक्ष्य व्यक्ति यों को गहरे मानवीय स्तर पर जोड़ना है। यह पहल हि दं फू ोबि या के बढ़तेमाहौल का मकु ाबला करनेऔर सभी जाति यों और समदुायों मेंएकता और भाईचारेके सदं ेश को बढ़ावा देनेके लि ए स्थापि त की गई है।

कोरनेश्वर स्वामी, हि दं ूधर्म के एक वि द्वान नेकहा, "हि दं ूधर्म वि भाजन के बारेमेंनहीं है; यह वि वि धता मेंएकता के बारेमेंहै। आज, पहलेसेकहींअधि क, हमेंइसेयाद रखनेऔर एक ऐसेसमाज के नि र्मा ण के लि ए सामहिूहिक रूप सेकाम करनेकी आवश्यकता हैजो प्रेम के मल्ूयों को कायम रखता है।" हम सद्भाव-प्रेम करतेहैंऔर हर व्यक्ति को समान मानते हैं।"

हि दं ूधर्म के सामनेआनेवाली चनु ौति यों की जटि ल प्रकृति को स्वीकार करतेहुए, सम्मेलन नेधर्मग्रर्म थं ों की गलत व्याख्या सेलेकर धार्मि कर्मि वि चारधाराओंके राजनीति करण तक वि भि न्न पहलओु ंपर चर्चा की। साधओु ंने अतं र-धार्मि कर्मि सवं ाद और एकता बढ़ानेका आह्वान करतेहुए धर्म का अधि क समग्रता सेसमझ की आवश्यकता पर बल दि या।

महंत राजेन्द्र त्रि पाठी, एक आध्यात्मि क नेता नेकहा, “धर्म ससं द के नाम पर जो लोग एक समदुाय वि शषे के खि लाफ नफरत फैला रहेहैंवो हि दं ूधर्म के पजु ारी नही व्यापारी हैं”

साध्वी चद्रं कला साहेब नेइस भावना को दोहरातेहुए कहा, “जहांहि दं ूधर्म अपनी चनु ौति यों का सामना कर रहा है, वहांयह सनिुनिश्चि त करना हमारी सामहिूहिक जि म्मेदारी हैकि इसका सार – प्रेम, करुणा और सहि ष्णतु ा – वर्तमर्त ान के माहौल मेंअछूता न रहे। आइयेराजनीति क हि दं ून बनें; आइयेआध्यात्मि क हि दं ूबनें।”

सत्य धर्म सवं ाद द्वारा नि र्धा रि त सकं ल्प स्पष्ट हैंऔर हि दं ूधर्म के मलू सि द्धांतों सेमेल खातेहैं। नफरत पर प्यार की जीत की वकालत करतेहुए, मानवीय समानता की वकालत करतेहुए, सभी धर्मों के बीच शांति को बढ़ावा देने और जाति वि हीन समाज का लक्ष्य रखतेहुए, यह पहल हि दं ूधर्म के भवि ष्य के लि ए एक मजबतू रास्ता तय कर
रही है।

हमारेसकं ल्पों के केंद्र मेंप्रख्यात मध्ययगु ीन सतं , आचार्य स्वामी रामानदं की शि क्षाओंका करुणामय सदं ेश नि हि त है: "जाति पाँति पछू ैनहि कोई हरि का भजैसो हरि का होई" यह प्रसि द्ध पक्तिं क्ति इस बात पर जोर देता हैकि ईश्वर की नजर मेंसभी समान हैंऔर वेसभी सेप्यार करतेहैंऔर पोषि त करते हैं।

भारत की उभरती चनु ौति यों को पहचानतेहुए, हमारी सामहिूहिक भावना सद्भाव और शांति की समझ को बढ़ावा देना चाहती है। हि दं ूधार्मि कर्मि नेताओंके रूप मेंहम प्रेम की परि वर्तनर्त कारी शक्ति को गलेलगानेऔर साझा करनेके लक्ष्य के साथ आगेकी राह चला रहेहैं। हमारा मि शन केवल धार्मि कर्मि सि द्धांतों के बारेमेंनहीं है, बल्कि दनिुनिया को सत्य, प्रेम और करुणा सेआच्छादि त करनेके बारेमेंहै। हम सभी को हमारेसाथ हाथ मि लाने, इस प्रेमपर्णू र्ण आदं ोलन का हि स्सा बननेऔर मानवीय सद्भाव के दतू बननेके लि ए वि नम्रतापर्वूकर्व आमत्रिं त्रित करतेहैं।

सत्य धर्म सवं ाद के बारेमें: सत्य धर्म सवं ाद एक गैर-राजनीति क सगं ठन हैजो धर्मा धि कारि यों के साथ एकजटु हो धर्म के मलू सदं ेश के माध्यम सेभाईचारेऔर करुणा का सदं ेश फैलानेकी दि शा मेंकाम कर रहा है। हि दं ूधर्म के आचार्यों द्वारा स्थापि त, इस पहल का उद्देश्य वि शषे रूप सेइस चनु ौतीपर्णू र्णसमय मेंशांति , प्रेम और सद्भाव को बढ़ावा देना है।

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