सय धम संवाद (SDS) ने 6 दसंबर, 2024 को जारी कए गए एक बयान म समान वचारधारा वाले ह धामक नेता और संगठन से यत नसघानंद ारा आयोजत वभाजनकारी धम संसद का वरोध करने क अपील क। इस बयान म ह धम क असली भावना को दशत करते ए, SDS ने घृणा और वभाजन क रटनी क े बजाय एकता, सहणुता और संवाद को बढ़ावा दे ने क े महव पर जोर दया।
SDS ारा जारी कए गए इस बयान पर अब तक 69 हतार क े साथ ह आयामक नेता क े बीच ापक सहमत दशाई गई है:
“ह धम क े गहरे और समावेशी धरोहर क े संरक क े प म, हम अपने समाज म घृणा, वभाजन और हसा को बढ़ावा दे ने क े लए धम क े बढ़ते पयोग से गहरे चतत ह।”
ह धम, इसक े शात आदश जैसे ‘वसुधैव क ु टुबकम’ (संपूण व एक परवार है) और ‘सव धम समभाव’ (सभी धम का समान) क े साथ, हमेशा शांत, वीक ृ त और एकता का तीक रहा है। हम यह दे खकर ख होता है क धम क े नाम पर क ु छ काय और बयान इन य मूय को न कर रहे ह और समुदाय क े बीच ववाद फ ै ला रहे ह। ह धम जात आधारत वभाजन और इसक े नाम पर कसी भी कार क े दमन को प से नकारता है। असली आयामकता सभी ाणय म दता को पहचानने और समानता एवं आपसी समान को बढ़ावा दे ने म है। आगामी “व धम समेलन” , जो 17 से 21 दसंबर 2024 तक आयोजत हो रहा है, और क ु छ वशेष धम को लत करने वाली उकसाने वाली बयानबाजी, सनातन धम क असली भावना से प से र हटने क े उदाहरण ह। ऐसे क ृ य न क े वल ह धम क आयामक पवता को कमजोर करते ह, बक हमारे दे श क नाजुक सामंजय और एकता को भी खतरे म डालते ह, जो अपनी ववधता और अंतरधामक सहअतव पर पनपता है। ह आयामकता और परंपरा क े समपत तनधय क े प म, हम ननलखत बात को ढ़ता से कहते ह:
- घृणा भाषण और वभाजनकारी क ृ य का वरोध: हम प से उन शद, क ृ य या सभा क नदा करते ह जो घृणा फ ै लाते ह, अय धम का अपमान करते ह या हसा भड़काते ह। ये ह मूय और उपदे श क े खलाफ ह।
- धम क े बीच समझ बढ़ाना: हम सभी धम क े बीच संवाद क े मायम से पुल बनाने और आपसी समान को बढ़ावा दे ने म वास करते ह। शांतपूण और सामंजयपूण सहअतव सामूहक वकास और आयामक भलाई क क ुं जी है।
- उवाद क े खलाफ खड़ा होना: हम राजनीतक एजडा या वभाजनकारी उे य क े लए धम क े शोषण का वरोध करते ह। ह धम को अपनी पहचान या श को माणत करने क े लए अय धम को कम करने क आवयकता नह है। असली आयामक वृ आमनरीण, कणा और साझी मानवता से आती है।
- जवाबदे ही क मांग: हम जमेदार ाधकरण से अपील करते ह क वे धम का पयोग करने वाले य क े खलाफ नणायक कारवाई कर और यह सुनत कर क नपता और याय क रा हो।
- एकता क अपील: हम सभी ह और अय धम क े लोग से अपील करते ह क वे दया, समझ और आपसी समान क भावना
म एक साथ आएं। हमारे दे श क सबसे बड़ी ताकत उसक ववधता म एकता म है।”
इस बयान पर वभ संगठन क े तनधय ारा हतार कए गए ह, जनम लगायत समुदाय, वकारी संदाय, द पपल पंडत, वनाथ मंदर, भगवद गीता क ू ल और बालकराम मंदर शामल ह हतारकता ह:
SDS ने वामी राघव क े हाल ही म द वायर हद म काशत लेख का भी उलेख कया है (“धम संसद:
सादायक साव क े मन क े प म”), जो धम क े वभाजन क े लए उपयोग कए जाने क े खतर पर काश डालता है। लेख यहाँ पढ़ा जा सकता है।
यत नसघानंद क धम संसद क े उकसाने वाले और बहक ृ त कोण क े वपरीत, SDS उस संवाद (संवाद) क परंपरा से जुड़ा आ है जो वभाजन क े बजाय एकता क कोशश करता है। SDS ढ़ वास करता है क सनातन धम का सार ेम, सहणुता और मानवता क सेवा म है। हम सभी आयामक और सामाजक नेता से आह करते ह क वे हमारे साथ मलकर इन मूय क पुनः पु कर और हमारे समुदाय को शांत और सामंजय क ओर मागदशत कर।